अपनी जोड़ी अच्छी है
मै भी गम मे हस्ता हु तुम भी हस्ते हो लेकिन
हमे इश्क़ है तो क्या उसे भी है
ये बात समझते हो
कोई मजनू तो नही दिखते फिर
इश्क़ मे क्यु पड़ते हो
चंद लम्हों कि ही बात होती है रोज
क्या तुम उसे ही मोहब्बत समझते हो
खाक ना किया आज तक तूने कुछ इश्क़ मे
तो मै कैसे मानु प्यासे हो
पसंद तो हो पर मोहब्बत नहीं बोल दिया उसने
अब तुम किस आस मे बैठे हो
शेर तो आज एक बनता है
जिस तरह तुम टूट के बैठे हो
कोन कहता है कि प्यार सच्चा है
प्यार कुछ भी नहीं बस एक सौदा है