Tuesday, January 1, 2019

जिंदगी छोड़ आये है

 हम उस मोड़ पर
अपनी जिंदगी छोड़ आये है
बदनसीबी हमारी  रास्ते पर
अपनी मंजिल छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदगी छोड़  है

दे कर चुनर  लाल उसे खुद को कोरा कागज कर आये है
फिर देखो हम तो अपने घर की रौनक भी
उनके घर छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदगी छोड़ आये है

वो जो रो लेते है तो
दर्द बहुत है उनके पास
और हम मजबूर देखो अपनी पलकों को
न भीगने की कसम दे आये है
हम उस मोड़ पर
अपनी जिंदगी छोड़ आये है

अब हम लगाते है काजल
अपनी शुष्क आखो पर
नज़र न लग जाये उसे इसलिए
काजल का टिका उसके माथे पर छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदजी छोड़ आये है

जिस आईने में  सज ते थे उनके लिए
वो आईना तो खामोसी से ले आये हम
पर उस बिस्तर  बगल वाली खिड़की पर
हम अपने सारे श्रृंगार छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदगी छोड़ आये है

क्या कहे अब हम दोस्तों
अपने दिल के हालत तुमसे
हम अपने हाथो से उसका हाथ
किसी और के कंधो पे छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदगी छोड़ आये है

ले आये हम उसके घर से हमारी कुछ अधूरी याद
हम अपनी हर सुबह सुहानी छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर
अपनी जिंदगी छोड़ आये है

बदनसीबी हमारी रस्ते पर
हम अपनी मंजिल छोड़ आये है
हम उस मोड़ पर अपनी जिंदगी
छोड़ आये है। ........

                                    
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