NIT BLOG
Tuesday, January 15, 2019
संघर्ष
रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों , देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ।।
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इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
गुलजार बन गए
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