Saturday, January 5, 2019

लफ़्ज़ों के तीर

सब झूटे रिश्ते नाते है
सब दिल रखने की बाते है
कब कोन किसी का होता है
सब असली रूप छुपाते है
एहसास से खाली लोग यहा
लफ़्ज़ों के तीर चलाते है

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इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए