Friday, January 4, 2019

मोहब्बत

अब ना रही पहली सी मोहब्बत
मन को दिल से जानने वाली फितरत
मोहब्बत की बाते
सिमट गयी जिस्मों तक.
चिट्ठीयो मे अब हाले दिल ना रहा
समय बिताने के लिये करते है
सब मोहब्बत यहा
पहले सालो बिन देखे जी लेते थे
मोहब्बत में
अब बिन देखे मोहब्बत ही बदल देते.
सब तै‍यार बैठे है तोड़ने को
एक दूसरे का दिल यहा
अब पहले सी मोहब्बत ना रही.
यहा अब राधा और कृष्ण वाली मोहब्बत
ना रही.
अब यैसी किसी मे चाहत ना रही…

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इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए