तुम्हें देखे भी कैसे तुम्हें बताये भी कैसे
तुम्हें देखने मे मेरा प्यार और बताने मे तुम्हारा इन्कार नज़र आता है
तुम्हें देखने मे तो प्यार और बताने मे इंकार तो है
उससे आगे बड़े तो अपनी योगी सरकार भी तो है
तुम्हें देखे भी कैसे तुम्हें बताये भी कैसे
तुम्हें देखने मे मेरा प्यार और बताने मे तुम्हारा इन्कार नज़र आता है
तुम्हें देखने मे तो प्यार और बताने मे इंकार तो है
उससे आगे बड़े तो अपनी योगी सरकार भी तो है
इश्क़ मे मोहब्बत है रुसवाई है बिछरन है तन्हाई है
जुदाई है… और……………... और………………..और
बहुत आगे आगये………आगे लुगाई है
जब लेनी थी शोहरत तो खूब किया स्वीटू - स्वीटू
अब इमारत हो गई खंडहर तो याद आया मी टू - मी टू
तेरे बिना जो सास लू उसे भी लिखता हु
तेरे घर के हर एक रास्ते को मै जन्नत लिखता हु
पुरी दुनिया मे अधूरा लफ्ज़ हु
पढ़ ले मुझे मै तेरा शब्द हु
पर कल रात जब खुद को आईने मे देखा
तो जिंदगी से मुलाकात हो गयी
लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई
. . . . कहने लगी. . . .
आज के रिश्ते कहा इतने सच्चे
इसलिए तुम अकेले ही अच्छे हो.
Fact of happy ‘Alone’
प्रेम संबंध कितने मधुर क्यु ना हो उसमे गाठ पड़ ही जाते हैं कभी ना कभी. ऐसा क्यों?....
‘गाठ’ जरूरी या ‘प्रेम’..?
प्रेम जरूरी या स्वाभीमान..?
जब से सब के अलग अलग मकान हो गये
बच्चपन में साथ खेलने वाले भाई एक दुसरे के मेहमान हो गये
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए