Thursday, October 25, 2018

इश्क़ की डायरी से

तुम्हें देखे भी कैसे तुम्हें बताये भी कैसे

तुम्हें देखने मे मेरा प्यार और बताने मे तुम्हारा इन्कार नज़र आता है

तुम्हें देखने मे तो प्यार और बताने मे इंकार तो है

उससे आगे बड़े तो अपनी योगी सरकार भी तो है

इश्क़ की डायरी से

इश्क़ मे मोहब्बत है रुसवाई है बिछरन है तन्हाई है

जुदाई है… और……………... और………………..और

बहुत आगे आगये………आगे लुगाई है

Tuesday, October 23, 2018

इश्क़ की डायरी से

ज्यादा नसा करने से उल्टी ही होती है
चाहे दारु का हो या इश्क़ का.... ..

Sunday, October 21, 2018

इश्क़ की डायरी से

कभी कभी लड़की पटाने से नहीं
जलाने से पटती है
. . . . . . . 

Sunday, October 14, 2018

इश्क़ की डायरी से

जब लेनी थी शोहरत तो खूब किया स्वीटू - स्वीटू

अब इमारत हो गई खंडहर तो याद आया मी टू - मी टू

Saturday, October 13, 2018

इश्क़ की डायरी से

तेरे बिना जो सास लू उसे भी लिखता हु

तेरे घर के हर एक रास्ते को मै जन्नत लिखता हु

पुरी दुनिया मे अधूरा लफ्ज़ हु

पढ़ ले मुझे मै तेरा शब्द हु

पर कल रात जब खुद को आईने मे देखा

तो जिंदगी से मुलाकात हो गयी

लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई

. . . .  कहने लगी. . . .

आज के रिश्ते कहा इतने सच्चे

इसलिए तुम अकेले ही अच्छे हो.

Fact of happy ‘Alone’

इश्क़ की डायरी से

प्रेम संबंध कितने मधुर क्यु ना हो उसमे गाठ पड़ ही जाते हैं कभी ना कभी. ऐसा क्यों?....

‘गाठ’ जरूरी या ‘प्रेम’..?

प्रेम जरूरी या स्वाभीमान..?

Tuesday, October 2, 2018

इश्क़ की डायरी से

जब से सब के अलग अलग मकान हो गये
बच्चपन में साथ खेलने वाले भाई एक दुसरे के मेहमान हो गये

इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए