प्रेम संबंध कितने मधुर क्यु ना हो उसमे गाठ पड़ ही जाते हैं कभी ना कभी. ऐसा क्यों?....
‘गाठ’ जरूरी या ‘प्रेम’..?
प्रेम जरूरी या स्वाभीमान..?
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
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