जब लेनी थी शोहरत तो खूब किया स्वीटू - स्वीटू
अब इमारत हो गई खंडहर तो याद आया मी टू - मी टू
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
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