Saturday, October 13, 2018

इश्क़ की डायरी से

तेरे बिना जो सास लू उसे भी लिखता हु

तेरे घर के हर एक रास्ते को मै जन्नत लिखता हु

पुरी दुनिया मे अधूरा लफ्ज़ हु

पढ़ ले मुझे मै तेरा शब्द हु

पर कल रात जब खुद को आईने मे देखा

तो जिंदगी से मुलाकात हो गयी

लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई

. . . .  कहने लगी. . . .

आज के रिश्ते कहा इतने सच्चे

इसलिए तुम अकेले ही अच्छे हो.

Fact of happy ‘Alone’

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इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए