Sunday, December 2, 2018

दिल्लगी

 कही सुकून
तो कही आग में खुद को  जलना चाहता हूँ
कमब्खत दिल्लगी देख. .. तू मेरी कभी नहीं होगी
जानते हुए भी मई मै तुम्हे पाना चाहता हूँ


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इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए