कही सुकून
तो कही आग में खुद को जलना चाहता हूँ
कमब्खत दिल्लगी देख. .. तू मेरी कभी नहीं होगी
जानते हुए भी मई मै तुम्हे पाना चाहता हूँ
तो कही आग में खुद को जलना चाहता हूँ
कमब्खत दिल्लगी देख. .. तू मेरी कभी नहीं होगी
जानते हुए भी मई मै तुम्हे पाना चाहता हूँ
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