Monday, December 3, 2018

गजब ख्वाब और इंतज़ार

आसुओ से तुम भी दोस्ती कर लो
दर्द होगा तो छलक आएंगे 
नाम आखो में इंतजार की रौशनी भर लो 
जब वो आएंगे मसुकुरा देना 

उस तरफ यार की नाराजगी का दौर जारी है 
इस तरफ आस है आने की जो नहीं थकती 
इतना मालूम है वो रूठे है मगर लौट आएंगे 
ये मेरे इश्क़ की इन्तहा और दुआ भी है 
देर हो जाये तो हो जाये मगर वो आयेगे 

आसुओ से भी तुम दोस्ती कर लो 
दर्द होगा तो छलक आएंगे। २
 नम आखो में इंतजार की रौशनी भर लो 
जब वो आएंगे मुस्कुरा देना 

अब तो पैमाने भी मुझसे है खफा यारो 
क्यों  इस रंगीन पानी में भी वो नज़र आये 
गम में हो तुम भी अगर मिलना मुझे मय खाने में 
तेरे गम और मेरे गम को मय में घोल देंगे 
अश्क़ की बूंदो में मैंने झाक कर देखा है 
नमी नहीं दिखी दर्द के समंदर नज़र आये 

 आसुवो से तुम भी दोस्ती कर लो 
दर्द होगा तो छलक आयेगे। २ 
नाम आखो में इंतजार की रौशनी भर लो 
जब वो आएंगे मुसकुरा देना 

मै उनकी जुल्फ की छाव में हर रोज सोता था
खुली आँखे तो ये जाना वो तपती धुप के
वो तपती धुप के दरिया में मुझे छोड़ गए
माना सब खाव्ब था  हा ये सब ख्वाब था मगर
कोई पूछे उनसे पूछे अगर मोह्हबत मेरी एक तरफ़ा थी
वो आये भी तो मेरे ख्वाब में भला क्यों आये

आसुओ से तुम भी दोस्ती कर लो
दर्द होगा छलक आएंगे। २
नम आखो में इंतजार की रौशनी भर लो
जब वो आएंगे मुस्कुरा देना

                                                                कलम से -ठाकुर देव
  



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