ये राहे ले जायेगी मंज़िल तक
कभी सुना है अंधेरे ने सेबेरा होने ना दिया
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
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