जीत निश्चित हो तो
कायर भी लड़ सकते हैं
बहादुर वे कहलाते है
जो हार निश्चित
हो फिर भी मैदान नहीं छोड़ते हैं
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
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