NIT BLOG
Friday, March 19, 2021
चिंता
सबको जीना है
सबको मरना हैं
छोड़ो ब्यर्थ की चिंता
जो नसीब में है वहीं मिलना है
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इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
गुलजार बन गए
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