NIT BLOG
Tuesday, March 2, 2021
तुझे चाहकर
तुझे चाहकर मुझे ऐसा लगा !
मानों ...................
चांद को चांदनी मिल गई
सुर्य को रोशनी मिल गई
नदी को समुद्र मील गई
हवा को वेग मील गई
धरती को आसमान मील गई
अग्नि को लपट मील गई
दिल को दिल्लगी मील गई
मझनु को लैला मील गई
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इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
गुलजार बन गए
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