NIT BLOG
Saturday, December 1, 2018
इश्क़ की डायरी से
ये कान्हा अब तेरे शहर में
मुरली खरीदने वाला कोई नहीं।
सब लोग को डी. जे. का चस्का लग गया
कोई इधर गया कोई उधर गया
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इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
इश्क के गम
अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में इसे कैसे तौला जाए
गुलजार बन गए
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