Monday, July 16, 2018

इश्क़ की डायरी से

तेरे बालो का गजरा

तेरे आँखो का काजरा

तेरे कानो कि बाली

तेरे होठों कि लाली

तेरे गले का हार

तेरे हाथों का कंगन

तेरे पैरो का पायल

. . . . . . . . नहीं भुलु गा

जब तक है

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इश्क के गम

 अपना गम किस किस से बोला जाए हैं कितनी परेशानियां इश्क़ में  इसे कैसे तौला जाए